Yoga vs Gym

एक्सरसाइज पर भारी पड़ा योग :
 
प्रतिष्ठित मैनेजमेंट कॉलेज आईआईएम की पत्रिका विकल्प में 2010 में योग पर एक लेख छपा था |
लेख में कहा गया है कि योग,शारीरिक व्यायाम से ज्यादा बेहतर है,योग करने वालों पर तनाव हावी नहीं होता है|
एक्सरसाइज करने वालों के साथ उल्टा होता है|
आईआईएम अहमदाबाद की पत्रिका विकल्प में छपा यह लेख एक निजी कंपनी के 84 अधिकारियों पर किए गए शोध पर आधारित है,शोध में ग्रासिम इंडस्ट्रीज के 84 अधिकारियों दो समूहों में बांटा गया,42 एक तरफ, 42 दूसरी तरफ|

एक ग्रुप को रोज 75 मिनट योग कराया गया.
दूसरे ग्रुप को इतने ही समय प्रतिदिन मशीनी और दूसरी तरह के शारीरिक व्यायाम कराए गए|शोध से पहले सभी प्रतिभागियों का ब्लड प्रेशर, शुगर और बॉडी मास इंडेक्स नापा गया. महीने भर तक चले प्रयोग के बाद आए नतीजों में योग हर तरह से व्यायाम पर भारी पड़ा.गुजरात के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हंसमुख अधिया कहते हैं, ''योग करने वाले समूह के तनाव का स्तर काफी गिर चुका था जबकि शारीरिक व्यायाम करने वालों के तनाव का स्तर बढ़ा.दफ्तर में उनकी मानसिक स्थिति पहले से ज्यादा तनावपूर्ण हो गई.''

शोध के मुताबिक बीमारियों की जड़ अक्सर दफ्तर से शुरू होती है.ऑफिस के तनाव का मानसिक और शारीरिक व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है.धीरे धीरे इसकी वजह से जीवनशैली बदलने लगती है और ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और शुगर जैसी बीमारियां होने लगती हैं.विकल्प के मुताबिक तनाव संबंधी बीमारियों के चलते हर साल अमेरिकियों को 300 अरब डॉलर इलाज पर खर्चने पड़ते हैं.

भारत के दफ्तरों में काम का तनाव कुछ कम नहीं है. योग से दफ्तर के तनाव को जोड़कर किया गया यह पहला शोध है. आईआईएम अहमदाबाद ने भारत के कॉरपोरेट जगत को सलाह दी है कि पैसे की खनखनाहट के बीच उन्हें योग की शांति में भी जाना चाहिए.
शोध में यह बात सामने आई कि आज कंपिनयों में कर्मचारी और अधिकारी जॉब बर्न आउट एवं तनाव से व्यापक रूप से प्रभावित हैं,जिसका दुष्परिणाम  यह है कि कंपनी की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में गिरावट आती है,किसी भी संस्था,आफिस,कंपनी या कॉर्पोरेट जगत में कार्यरत लोग यदि मानसिक रूप से रुग्ण होंगे तो उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा जिससे वो अपना पूर्ण योगदान नहीं दे पाएंगे| परिणामस्व उनकी निर्णय लेनी की क्षमता,कार्य के प्रति दूरगामी सोच,भावी योजना का क्रियान्वयन, अपने अधिनस्थ कर्मचारियों के साथ सवांद,कार्य के प्रति निष्ठा एवं ईमानदारी आदि आदि पर परोक्ष या अपरोक्ष प्रभाव पड़ेगा | 

दूसरे ऐसे लोंगों का पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होगा क्योंकि ये लोग कार्यलय में उपजी बीमारी से घर पर भी नहीं बच पाएंगे जिससे इनका घर पर किया आचरण इनकी धीरे धीरे खुशियों में ग्रहण लगाना शुरू कर देगा |
आईये योग विज्ञान को अपनी रोजाना की दिनचर्या में शामिल करके एक स्वस्थ, खुशहाल एवं प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण करने का संकल्प लेते हैं,कम से कम आधा घंटा तो अवस्य इस योग विधा से अपने को जोड़ने का नेक एवं पूण्य कर्म करने का नियम तो लेना ही होगा तब निश्चित रूप से  घर,समाज और राष्ट्र   स्वास्थ्य की पावन धारा से सिंचित होकर योग विज्ञान को एक बहुआयामी हथियार की तरह अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना सीख जाएंगे |

सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥